मां के नवरात्रे
मां के नवरात्रे
प्यारा सजा दरबार मां तेरे भवन में आऊं
देखूं मूरत में तेरी चरणों में शीश झुकाऊं
लाल चुनरिया तूने हैं डाली गालों में तेरे चमके हैं
लाली सिर पर सजाया मुकट है तेरे भवन में आऊं
प्यारा सजा दरबार मां तेरे भवन में आऊं
देखूं मूरत में तेरी चरणों में शीश झुकाऊं आंखें तेरी लगती है
प्यारी सिंह कि तेरी है सवारी अष्ट भुजाऐं
भरी हैं तेरे भवन में आऊं
प्यारा सजा दरबार मां तेरे भवन में आऊं
देखूं मूरत में तेरी चरणों में शीश झुकाऊं
पांव में पायल तेरी बजी हैं माथे बिंदी मां के सजी है
कानों में कुंडल सुहाये तेरे भवन में आऊं
प्यारा सजा दरबार मां तेरे भवन में आऊं
देखूं मूरत में तेरी चरणों में शीश झुकाऊं
तू हैं माता जग की जननी बिगड़ी सब की
तुझ से बननी झोलियां भर दे सब की तेरे भवन में आऊं
प्यारा सजा दरबार मां तेरे भवन में आऊं
देखूं मूरत में तेरी चरणों में शीश झुकाऊं।