हर किसी के पास गए, वादे भी बहुत हुए, अगली बार आएँगे ,दवाखाना यहीं लाएंगे, हर किसी के पास गए, वादे भी बहुत हुए, अगली बार आएँगे ,दवाखाना यहीं लाएंगे,
मन की मुस्कान को चिराग तले रख के कोमल मन में मैल क्यों जमा करे वो माला। मन की मुस्कान को चिराग तले रख के कोमल मन में मैल क्यों जमा करे वो माला।
अगर माँ देती रहे तू सहारा। फिर न टूटे सागर से किनारा।। नयनों की ज्योति समायी,मेरे ही मन में..2 ले... अगर माँ देती रहे तू सहारा। फिर न टूटे सागर से किनारा।। नयनों की ज्योति समायी,म...
शत्रु की नजर लगे कभी ना ये मेरे खुशी भरे भवन को शत्रु की नजर लगे कभी ना ये मेरे खुशी भरे भवन को
अलौकिक सौंदर्य है बसंत ऋतु का, दृगों से सुंदरता को नमन हो रहा है। अलौकिक सौंदर्य है बसंत ऋतु का, दृगों से सुंदरता को नमन हो रहा है।
अब तुम अपने हीं घर की तरफ रुख करो ना तुम इतने भी अच्छे हो ना ! अब तुम अपने हीं घर की तरफ रुख करो ना तुम इतने भी अच्छे हो ना !