कोरोना
कोरोना
कोरोना तुम कितने अच्छे हो ना !
कभी दिल कहता है तारीफ करो ना,
तो कभी मन कहता है चुप ही रहो ना.
क्या राजनेता ? क्या अभिनेता ?
समानता का पाठ सबकोपढ़ाते हो ना .
कोरोना ना तुम कितने अच्छे हो ना !
क्या चीन ?क्या अमेरिका ? क्या इटली ?क्या स्पेन?
विश्व में तुमफैलते हीं जा रहे हो ना,
भारत भ्रमण पर आ हीं गए हो ना,
मोदी जी को मिला जन जन का समर्थन,
सबके के सम्मान में अब तुम भी तो रुको ना.
तुम कितने अच्छे हो ना !
कनिका संग वाटिका घूम कर
अपना प्रचार खूबसूरती से किया ना,
दुष्यंत संग संसद में घुसपैठ करो ना,
ज्ञान विज्ञान को अब और चकमा दो ना
अब इतनी भी ज्यादती करो ना
अब जरा विश्राम करो ना.
कोरोना तुम इतनी भी अच्छे हो ना !
आधुनिकता का करवा हवन
सभ्यता संस्कृति को करवाया नमन'
चाल चलन सूरत सीरत में परिवर्तन: लाए हो ना
भारत की खोई पहचान भी वापस लाए हो ना,
पर कोरोना तुम इतने भी अच्छे हो ना !
कोरोना जग को यूँ अब और त्रस्त करो ना,
लोगों का जीवन यूँ बेबसी से बर्बाद करो ना।
अब तुम अपने हीं घर की तरफ रुख करो ना
तुम इतने भी अच्छे हो ना !
