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हरियाली

हरियाली

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खुशहाली मिले सदा वतन को

हरियाली मिले सदा चमन को


लुट कर भी सदा ही यूं सजाऊँ

गहनों से मैं तेरे इस बदन को


संदेशा पिया का दो, हवाओं

मैं भेज रहीं हूँ उस पवन को


शत्रु की नजर लगे कभी ना

ये मेरे खुशी भरे भवन को


दो माँ मुझे काम में सफलता

करती है नमन 'उमा' चरन को


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