नमन शहीदों को
नमन शहीदों को
बहा कर कतरा खून का अपना
आज वो पावन कुर्बानी हो गए
लिपट कर तिरंगे के आंचल से वो
अमर शहीद बलिदानी हो गए
लूटा दिया जान सरहद पे खुद की
खुद ही अमिट कहानी हो गए
सना कर ज़मीन को खून से अपने
वो इस रज की रजधानी हो गए
लिख दिया नाम स्वर्णिम अक्षरों से
भारत मां की तुम ऐसी निशानी हो गए
बहा कर कतरा खून का अपना
आज वो पावन कुर्बानी हो गए