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KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract Classics

3  

KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract Classics

महिषासुर मर्दिनी

महिषासुर मर्दिनी

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दुष्ट दलन कि रौद्र काल रूप,

हाथ त्रिशूल, तलवार, आँखे अंगार,

माँ महिसा सुर मर्दनी शेरोंवाली, तू जग कल्याणी माता रानी !!     


दुर्गा काली रक्त बीज संघरि, माँ खप्पर वाली जग जननी माता रानी,

छमाँ, दया की सागर, ममता की अवनि अम्बर जग जननी

माँ पहाड़ा वाली क्लेश नाशिनी माता रानी !!                 



माँ कि भक्ति में शक्ति का वरदान, माँ कि पूजा वंदन ,सेवा ,निष्ठा आचरण तेरा दुलार,

तू जग जननी जग का करे कल्याण माता रानी का आशिर्बाद,

मंगल करती, अमंगल हरति दींन दुखियों की दुःख कि खली झोली भरती,

जयति जय माँ शारदे भवानी भय भव भंजक जग कल्याणी माता रानी !!         



चुनरी तेरी लाल, नारियल तेरा प्रसाद,

पद्मसानी हंस वाहिनी, जग जननी जग कल्याणी मातारानी,

जग तेरी संतान, तू करुणा कृपा निधान, तू जग जननी तू जग कल्याणी माता रानी !!



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