कपडा या इज़्ज़त?
कपडा या इज़्ज़त?
रेशम का कपड़ा समझ के तूने जिसको है छुआ
वो है किसी का सम्मान और किसी की मर्यादा
बाल समझ के तूने जिससे है पकड़ा
वो है किसी का अभिमान और किसी के खुशियों का राज
औरत हो या मर्द हो
किसी के साथ नहीं खेल सकता कोई इस तरह
नहीं छू सकते तुम उनको, समझ के अपना खिलौना
शब्दों में बयां नहीं हो सकती
की क्या क्या लोगों ने है झेला
भाई - दोस्त जिसको समझा वो ही दुख दर्द दे गया
वो हर आँसू जो निकले उस इंसान की आँखों से
उसकी कीमत तुम्हारी सातों पीढ़ी चुका नहीं सकती
जो आग के चक्र में ला के खड़ा कर दिया
उस चक्र को पानी से नहीं बुझाया जा सकता
जिन यादों को जन्म दिया है
उसको किसी भी दण्ड से भुलाया नहीं जा सकता
इंसान को इंसान की तरह रहना चाहिए
अगर एक बार वो जानवर बन जाए
तो वापस वो कभी नहीं बदल सकता।