वह रास्ता जिससे जुड़ी है यादें
वह रास्ता जिससे जुड़ी है यादें
वो पानी की बूँदे उन रूखे से पत्तों पर,
लगते है क्यू इतने सुंदर ?
चले ढेर सारी लड़किया
ठुमक ठुमक कर,
स्कूल की तरफ।
वो लड़को का एक समूह
मारते है ठहाके,
किसी के हरकतो पर।
उस बूढ़े व्यक्ति को देख कर मै सोचूं,
की क्या वो थक नहीं गए चलते चलते इन राहों पर ?
मगर सोचने का काम है ही इंसानों का,
इसमे नहीं है कोई शक।
बढ़ते बढ़ते सफर में
मुझे मिले तुम,
मैंने तुम्हे देखा और मेरे होश गए उड़।
न जाने तुममे क्या बात थी
या पूरी कायनात थी,
पर तुम्हारी तस्वीर
उस दिन से लेके,
आज तक मेरी आंखों मे कैद होकर रह गयी।