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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Romance

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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Romance

प्रिये तुम सबसे सुंदर

प्रिये तुम सबसे सुंदर

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सुन्दर सुखद सुशील तन, बिखरे बिखरे केश ।

मुख पर जैसे आ बसा, सुंदरता का देश ।

सुंदरता का देश, जिसे बस देख रहा हूँ ।

मन ही मन मैं मीत, उसी में डूब गया हूँ ।

अंदर अंदर शोर, शांत हूँ बाहर बाहर ।

कहता हूँ मैं आज, प्रिये तुम सबसे सुंदर ।।


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