तुम्हारे साथ का अनजान सफर तुम्हारे साथ का अनजान सफर
ये कहता मैं, लिखती 'स्याही', तुम ही हो मेरी घर द्वार प्रिये । होली दीवाली ईद ही क्या, तुम ह... ये कहता मैं, लिखती 'स्याही', तुम ही हो मेरी घर द्वार प्रिये । होली दीवाली ...
अब मिला सत्य, शाश्वत प्रेमी, हम चले प्रेम के पार प्रिये। अब मिला सत्य, शाश्वत प्रेमी, हम चले प्रेम के पार प्रिये।
उस रात के सन्नाटे में ताल से ताल मिलाया था तुमने मौन होकर जिंदगी का गीत गुनगुनाया था तुमने उस रात ... उस रात के सन्नाटे में ताल से ताल मिलाया था तुमने मौन होकर जिंदगी का गीत गुनगुना...
सुन्दर सुखद सुशील तन, बिखरे बिखरे केश । मुख पर जैसे आ बसा, सुंदरता का देश । सुन्दर सुखद सुशील तन, बिखरे बिखरे केश । मुख पर जैसे आ बसा, सुंदरता का देश ।