इस पार प्रिये उस पार प्रिये
इस पार प्रिये उस पार प्रिये
जीवन में इक तेरा पाया,
मैंने प्यारा सा प्यार प्रिये।
मैं नदिया गर हो जाऊँ तो,
इस पार प्रिये उस पार प्रिये।।
तुम चन्दा हो मैं चकोर हुआ,
मेरी नजरें तेरी ओर चली ।
जो जीवन तुम संग है बीता,
सुधियाँ सारी झकझोर चली।।
मैं हारा थका मुसाफिर हूँ,
जीवन मुझ पे है भार प्रिये।
बस तुम हो तुम हो तुम ही हो,
जीवन का मेरी आधार प्रिये।।
इस पार प्रिये उस पार प्रिये
चाहत में उलझ तेरी हमने,
खोया जीवन सौभाग्य प्रिये।
आँसू पीड़ा तड़पन बचती,
अब तो मेरे ही भाग्य प्रिये।।
न चाहत ही न जीवन ही ,
किस पे समझूँ अधिकार प्रिये।
खोना पाना गिरना उठाना,
होता है यही संसार प्रिये ।।
इस पार प्रिये उस पार प्रिये
जब हम माने तो तुम रूठी
जब तुम मानी तो हम रूठे।
पहली पहला थी तुम टूटी
फिर चाहत में ही हम टूटे।।
मुश्किल में रहना लगता है
जीवन का मुझको सार प्रिये।
गर खोना पाना सब सोचूँ,
चाहत लगती व्यापार प्रिये।।
इस पार प्रिये उस पार प्रिये
तुम मेरी थी तुम मेरी हो,
आगे भी रहोगी तुम मेरी
राधा मीरा बनने में सखी
क्यो करती हो अब तुम देरी।।
ये कहता मैं, लिखती 'स्याही',
तुम ही हो मेरी घर द्वार प्रिये ।
होली दीवाली ईद ही क्या,
तुम ही सारे त्यौहार प्रिये।।
इस पार प्रिये उस पार प्रिये
जीवन का मेरी आधार प्रिये।
जब हम जागे किस्मत सोयी
जीवन का यही है सार प्रिये।।
