गाना
गाना
कहना अब क्या ही तुझे
यूं मेरी तरह तू खोया है क्यों
तू ही जो कह दे कभी
मिल जाए खुशी....मिल जाए खुशी।
घटा है तूूूू मेरी बहारें ..बहारें..बहारें
महफिलों में भी तेरी बहारें ...बहारें...बहारें
लुभाती हैं ये तेरी बहारें...बहारें..बहारें
फिर रुलाती हैैं सभी को बहारें...बहारेंं...बहारें,
रहता है जुबां पे हर घड़ी तू क्यों मुझको बताा.....
कहानी है कोई या कोई फसाना हर पल मेरा साथ है
सुनती हूंं यही हर महफिल में तेरी ही आवाज हैै।
सूरत ही नहीं होती है तेरे पीछे दीवानों की
जादू से हैं कोई ये नशीले तेरे अल्फाज हैं
गुनगुनाती हैं ये सारी दीवारेंं......दीवारेंं....दीवारेंं,
घटा है तू मेरी बहारें .....बहारें...बहारें।
हवाएं (अरिजीत सिंंह)।