आओ मिलकर गायें सब....
आओ मिलकर गायें सब....
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हुई प्रभात है अभी नई नई
देखो माँ पका रही है रसोई
दादा दादी बैठे हैं आंगन में
भैया चलो देखो दरपन में।
आज हम जायेंगे स्कूल को
भूलेंगे नहीं हम कोई काम
सीखेंगे हर गुण मानव के
जग में करेंगे रोशन नाम।
प्रथम चरण स्पर्श गुरु के
द्वितीय करेंगे प्रभु गुणगान
तृतीय सरस्वती मात स्मरण
चतुर्थ में विधार्थी के करण।
सीखेंगे करना सबका सम्मान
न होने देंगे गुरु का अपमान
फिर कर्म पथ बनेगा देश सेवा
और बनेगा सुंदर भारत महान।