रविवार
रविवार
इंतजार रहता है हर किसी को इस दिन का
कि छः दिन बाद मिलेगा पल सुकून चैन का
किसी को कुछ अलग सा अच्छा खाना है तो
किसी ने योजना बनाई है बाहर घूमने जाना है।
किसी ने देखनी है फ़िल्म सिनेमा हॉल में तो
कोई खरीदेगा नये कपड़े शॉपिंग मौल में
किसी ने बुला लिए दोस्त यारों को घर में
तो कोई गया रिश्तेदार के यहाँ पल भर में।
पर उसका क्या जिसने पूरे छः दिन दिया
झाड़ू पोछा, चाय पानी, खाना बना दिया
उन छः दिनों के बजाय वो आज व्यस्त है
काम करवाया पर पूछा नहीं क्या वो स्वस्थ है ?