आभास ने फिर पंख पसारे स्वागत किया ! आभास ने फिर पंख पसारे स्वागत किया !
हर कतरा हमारी रुह का तेरे ही गीत गाता दिल ये तेरी यादों में जागता और सो जाता हर कतरा हमारी रुह का तेरे ही गीत गाता दिल ये तेरी यादों में जागता और सो जाता
,मैं तुम्हारे होने का आभास लिखा करती थी। ,मैं तुम्हारे होने का आभास लिखा करती थी।
रूबरू थे हम दोनों फिर भी सदियों का फासला मानो उन दो किनारों की तरह रूबरू थे हम दोनों फिर भी सदियों का फासला मानो उन दो किनारों की तरह
हैं जीवन का बस सार यहीं अब ना करो बचपन को उदास.....। हैं जीवन का बस सार यहीं अब ना करो बचपन को उदास.....।
देखो कितना प्यारा है यह पौधा, हैं पत्ते कितने कोमल, सुनो, अभी-अभी बोया है मैंने, ध्यान रखना होगा ... देखो कितना प्यारा है यह पौधा, हैं पत्ते कितने कोमल, सुनो, अभी-अभी बोया है मैं...