एहसास हो पाता
एहसास हो पाता
वो राह पर रुके हैं हम जहाँ कोई नहीं आता
चाहे प्यार हो पुकार हो या हो जन्मों का नाता
हर कतरा हमारी रुह का तेरे ही गीत गाता
दिल ये तेरी यादों में जागता और सो जाता
सेकंड भी लगे सैकड़ों साल जब वक्त गुज़र जाता
लम्हा बीते कल का हमे हर बार काटें चुभाता
तुम गुजरी हो सामने से ऐसा आभास हो जाता
ये झाँकी भी एक भ्रम है ये कौन बता पाता
वो दूर है मुझसे बहुत जो मेरे मन को भाता
हमे जो अहसास है अभी काश तुम्हें भी हो पाता