बारिश
बारिश
बचपन मे वो काले बादल का छाना
तेज़ हवाओ का गुन गुनाना
हमारा पिन्नी की पतंग बना उड़ाना
और जोर जोर से खुशी के मारे चिल्लाना
वो बारिश याद है मुझे
उनसे वो पहली मुलाकात
प्यार का वो नया नया एहसास
बारिश में किया वो रोमांस
और उसी में बह गए जो अरमान
वो बारिश याद है मुझे
अब बारिश में सुकून ढूंढता हूँ
तुझे नहीं खुद को खोजता हूँ
प्यार आज भी महसूस करता हूँ
इंसान नहीं नजारों से चहकता हूँ
ये बारिश भी याद रहेगी मुझे।