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Nirmala Arya

Abstract Romance

4  

Nirmala Arya

Abstract Romance

बारिश

बारिश

1 min
200

बचपन मे वो काले बादल का छाना

तेज़ हवाओ का गुन गुनाना

हमारा पिन्नी की पतंग बना उड़ाना

और जोर जोर से खुशी के मारे चिल्लाना

वो बारिश याद है मुझे


उनसे वो पहली मुलाकात

प्यार का वो नया नया एहसास

बारिश में किया वो रोमांस

और उसी में बह गए जो अरमान

वो बारिश याद है मुझे


अब बारिश में सुकून ढूंढता हूँ

तुझे नहीं खुद को खोजता हूँ

प्यार आज भी महसूस करता हूँ

इंसान नहीं नजारों से चहकता हूँ

ये बारिश भी याद रहेगी मुझे।


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