छुट्टी
छुट्टी
राजू काजू परेशान थे
इतने सारे काम से
इतवार को भी छुट्टी नहीं मिलती
जाना पड़ता दुकान पर
तभी पता चला दोनों को
स्कूल में 2 दिन है छुट्टी
दोनों घूमने की लगे सोचने
चल पड़े हाथ पकड़ मुट्ठी
पहले दिन जब दोनों घर से निकले
मिल गए उनके पप्पा जी
पापा जी को दोनों आगे देख
रह गए हक्का-बक्का जी
राजू राजू ने बोला
पहला दिन तो गया बेकार
लेकिन अगले दिन हम दोनों
घूमने के लिए रहेंगे तैयार
दूसरे दिन जब दोनों
निकले घर से बाहर
तभी दोनों की नजर पड़ी
कि भैया जी है छत पर
भैया को देख कर दोनों के हो गए आंखें लाल
और लग गया जोर का धक्का
मुंह से कोई शब्द न निकले
घूमने नहीं है जाना यह हो गया था पक्का
इस तरह से राजू काजू का
दो दिन बेकार हुआ छुट्टी
फिर दोनों ने कभी नहीं चला
हाथ में हाथ पकड़ मुट्ठी।