Poonam Mishra

Romance

4.3  

Poonam Mishra

Romance

एक ख्वाब !!!

एक ख्वाब !!!

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एक ख्वाब लिए 

डोली चढ़ी थी मै,

 एक ख्वाब था मन में,

 जब तुमने मांग भरी थी,


क्या कसूर थी इस जीवन में, 

एक शाम अधूरी रह गयी,

क्यों एक शमा जल ना सकी,

क्यो मंजिले बदल गयी 

एक ख्वाब लिए

डोली चढ़ी थी मैं !


सात फेरो में

क्यो उलझ गयी जिंदगी, 

जीवन की बग्गी क्यो रूक गयी,

सात वचन संग रहने की कसमे, 

 क्यों टूट गए संग हमारे,

 एक ख्वाब लिए,

डोली चढ़ी थी मैं !


 तारों की छांव तले,

 मेरा हाथ तुम साथ लिए,

 कदम साथ बढाए थे,

फिर क्यों रूक गए कदम

बिन नजर मिलाए,

एक ख्वाब दिए,

डोली चढ़ी थी मैं !


ये बेरूखी मे भी,

मेरा इश्क नहीं बदला,

यह रूह तो तुम्हारी है

चाहे नफरत ही करो तुम,

एक ख्वाब लिए डोली 

चढ़ी थी मैं !


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