ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
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अजीब फलसफा है !
ऐ जिदंगी तेरा भी,
जब तक हम समझते,
तू गुजर जाती !
रहे लड़ते जीवन भर
तेरे लिए,
जब तक समझते
दस्तूर -ए- जिदंगी,
तब तक तू गुजर जाती।
एक अजीब कशिश है,
तेरे अंदर ए -जिंदगी,
जब तक इश्क होता तुझसे,
तब तक तू गुजर जाती।
शिकायत करते रहे,
तुझसे ऐ जिंदगी,
जब तक मनाते तुझे,
तब तक तू गुजर जाती जिंदगी।
तेरी हर बात हम सुनते रहे,
जब तुझसे कुछ कहते
दस्तुर -ए जिंदगी,
तब तक तू गुजर जाती
अजीब फलसफे है
तेरे ए जिंदगी !