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Anand Shekhawat

Romance

4  

Anand Shekhawat

Romance

बेइंतेहा

बेइंतेहा

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 इश्क़ मेरा मुकम्मल हो ना हो

पर याद तो तुझे आज भी करते हैं,

तुम भले ही गौर करो ना करो,

प्यार तो तुम्हें आज भी करते हैं।


भले ना हो अब तुम पास में,

तो क्या हुआपर तुम्हारा स्पर्श

तो हम आज भी,महसूस करते हैं।


प्यार से हो या गुस्से में हो,

तुम जब रौब मुझपे जमाती हो,

रौबीले चेहरे को तो ,

हम आज भी मिस बहुत करते हैं।


अब तो अकेले रहने में भी

 है मजा कहाँ,

तेरे अटूट साथ को तो हम

 आज भी तरसते है।


तेरी तस्वीरों को सीने से लगा के सोते है,

तेरे पसंदीदा गानों को जो गुनगुनाते है,

कुछ भी कहे जमाना पर

प्यार तो हम 

तुम्हे आज भी बहुत करते हैं।


तेरा रात को यूं सपनो में आना,

आके हल्का सा सहला जाना ,

ये प्यार नही तो क्या है?


तेरी हर उस अदा का हम बेसब्री

से इंतजार तो आज भी बहुत करते है,

तुम मानो या न मानो,

प्यार तो हम तुम्हे आज भी बेइंतहा करते है।


                   


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