STORYMIRROR

सोनी गुप्ता

Romance

4.5  

सोनी गुप्ता

Romance

तेरा साथ

तेरा साथ

1 min
463


आज हवा कुछ शीतल, 

शोख और चंचल है, 

उनके आने की आहट से ,


 दिल में हलचल है, 

उन्हें देखकर भोर की किरण, 

जब मुस्कुराती, 

लगता जैसे छू गया, 

उसका वो नर्म आंचल है, 


भीगा- भीगा सा मौसम ,

सुहानी वो शाम थी, 

तेरे मेरे प्यार की वो तो ,

पहली मुलाकात थी,


आज नजरों के तीर हो रहे ,

दिल के आर-पार, 

तुम्हें देख हम सब भूल गए, 

सुरमई वो शाम थी, 


प्रीत के एहसास की, 

अनोखी सी छुअन छ

ू गई, 

सरसराती हवाएँ कानों में, 

हमसे कुछ कह गई, 


उनके प्यार से दिल का ,

ये गुलशन खिल गया, 

अब लगता जैसे ,

बरसों की तलाश पूरी हो गईI


देखने की आरजू ,

ना हो कोई तेरे सिवा,

बस मेरी आंखों को ,

दीदार तेरा चाहिए, 


इस रिश्ते के सरोवर में, 

प्रेम पुष्प खिलते, 

उन पुष्पों संग, 

मुझे सहयोग तेरा चाहिए, 


इन आशाओं के नगर में ,

एक घर बसा है, 

इस घर में बस, 

अब मुझे साथ तेरा चाहिएI


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance