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प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"

Romance Inspirational

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प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"

Romance Inspirational

"जीवन अपना ऐसा हो"

"जीवन अपना ऐसा हो"

1 min
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लाल गुलाब है सोहता

मन को अति का भाये।

प्रेम प्रतीक के रूप में

जग भर नाम कमाये।।

क्यारी में खिला मनोहर

रंग रूप ललचाये।

चोरी करने जो आये

कांटे खूब चुभाये।।

प्रेम प्रतीक के रूप में

जग भर नाम कमाये.... 

अपनी मोहक सुगन्ध से

आप-पास महकाये।

भिन्न-भिन्न के रंगों से

सबका मन बहलाये।।

प्रेम प्रतीक के रूप में

जग भर नाम कमाये.... 

जीवन अपना ऐसा हो

सबको खुश कर जाये।

चाहे प्रिय हों अप्रिय भी

कांटे ना चुभ पायें।।

प्रेम प्रतीक के रूप में

जग भर नाम कमाये.... 

प्रियमाला हो या जूड़ा

आकर्षित कर जाये।

चढ़े चरण जब बनवारी

जन्म सफल हो जाये।।

प्रेम प्रतीक के रूप में

जग भर नाम कमाये..... 



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