प्रीति शर्मा "पूर्णिमा
Romance Classics Inspirational
"ख्वाब" हमने बहुत सजाये हैं।
और हर इक "ख्वाव" मह़का है।
इश्क़ का रंग चढ गया हम पर
दिल मेरा बेहिसाब महका है।।
"स्वतंत्रता"
"किताब"
खेल
"पौराणिक"
ख्वाब
"ख्वाब"
"विवाह "
"सफलता"
"मेरा देश"
बसंत का मौसम है और बागों में बहार है यौवन की मदमस्त आँखों में खुमार है। बसंत का मौसम है और बागों में बहार है यौवन की मदमस्त आँखों में खुमार ह...
वास्ता है तुम्हें प्यार का प्यार से लग गले सुन ज़रा दास्तां प्यार से। वास्ता है तुम्हें प्यार का प्यार से लग गले सुन ज़रा दास्तां प्यार से।
जिसको देखो उदास लगता है शहर में आ गई है आफ़त क्या। जिसको देखो उदास लगता है शहर में आ गई है आफ़त क्या।
मैं कभी आज़ादी की सांसों को भर ही नहीं पाई, मैं कभी आज़ादी की सांसों को भर ही नहीं पाई,
दामन को तेरे मैं खुशियों से सजाऊंगा चली आना संग मेरे डोली में बैठकर.... दामन को तेरे मैं खुशियों से सजाऊंगा चली आना संग मेरे डोली में बैठकर....
आज भी ले चल जहाँ बिता मेरा बचपन आज भी ले चल मुझे दरिया पर..। आज भी ले चल जहाँ बिता मेरा बचपन आज भी ले चल मुझे दरिया पर..।
चित से मनभावन को लगा बैठी, मैं अलबेली सुध-बुध खो बैठी। चित से मनभावन को लगा बैठी, मैं अलबेली सुध-बुध खो बैठी।
आओ बैठो पास हमारे, बेरुख़ी मत दिखाओ न। माफ़ कर दो, हम हैं तुम्हारे,सुनो अब मान जाओ न। आओ बैठो पास हमारे, बेरुख़ी मत दिखाओ न। माफ़ कर दो, हम हैं तुम्हारे,सुनो अब मा...
मध्यम-मध्यम स्वप्न के भी घाव अब उगने लगे हैंI मध्यम-मध्यम स्वप्न के भी घाव अब उगने लगे हैंI
माथे की लट रही बिखर गजरा भी रहा कुम्हलाय। माथे की लट रही बिखर गजरा भी रहा कुम्हलाय।
किस-किस को निहारा करूँ, तेरे हुस्न में नुमाइशें बहुत हैं किस-किस को निहारा करूँ, तेरे हुस्न में नुमाइशें बहुत हैं
जिंदगी के साथ जिंदगी बन के देखते हैं मरे ख्वाबों को जिंदा करके देखते हैं । जिंदगी के साथ जिंदगी बन के देखते हैं मरे ख्वाबों को जिंदा करके देखते हैं...
तो भी मन विचलित हो जाता है। तो भी मन विचलित हो जाता है।
चमकेंगे मेहनताने मोती के रूप मुख। चेहरे पे लालिमा असरदार हो जाएगी।। चमकेंगे मेहनताने मोती के रूप मुख। चेहरे पे लालिमा असरदार हो जाएगी।।
डूबे हैं खूबसूरत खेला में ज्यों हंस मिलन की बेला में डूबे हैं खूबसूरत खेला में ज्यों हंस मिलन की बेला में
मुहब्बत और अखुव्वत के गुलो गुलशन खिलाने हैं नई राहें बनानी हैं नये सपने सजाने हैं। मुहब्बत और अखुव्वत के गुलो गुलशन खिलाने हैं नई राहें बनानी हैं नये सपने सजाने...
कौन है वो, चुपके चुपके जो दिल के तारों को छेड़ जाता है। कौन है वो, चुपके चुपके जो दिल के तारों को छेड़ जाता है।
खाली दिल यार है मेरा क्यों जज्बात बने? चांदनी रात में आ जाएं तो कुछ बात बने। खाली दिल यार है मेरा क्यों जज्बात बने? चांदनी रात में आ जाएं तो कुछ बात बने।
सीख लो तुम भी अदा दिल जीत लेने का हुनर सीख लो तुम भी अदा दिल जीत लेने का हुनर
मेरा सितारा, मेरा हृदय का दर्पण, मेरा हृदय का अर्पण मेरी माँ ! मेरा सितारा, मेरा हृदय का दर्पण, मेरा हृदय का अर्पण मेरी माँ !