प्रीति शर्मा "पूर्णिमा
Romance Classics Inspirational
"ख्वाब" हमने बहुत सजाये हैं।
और हर इक "ख्वाव" मह़का है।
इश्क़ का रंग चढ गया हम पर
दिल मेरा बेहिसाब महका है।।
"स्वतंत्रता"
"किताब"
खेल
"पौराणिक"
ख्वाब
"ख्वाब"
"विवाह "
"सफलता"
"मेरा देश"
मैं ज़िद में कूद पड़ा अब पछता रहा तुम यही रहो मैं जा रहा। मैं ज़िद में कूद पड़ा अब पछता रहा तुम यही रहो मैं जा रहा।
इक अजनबी ने आज रातभर मुझे चैन से सोने न दिया। इक अजनबी ने आज रातभर मुझे चैन से सोने न दिया।
अब न वो अजनबी रहा और न मैं, बस एक दूजे के साथी बन गये हम। अब न वो अजनबी रहा और न मैं, बस एक दूजे के साथी बन गये हम।
ख़्वाहिशों की ये कहानी भी "कमल" कहती है, मेरी बाहों में सिमट के तू समाई होती। ख़्वाहिशों की ये कहानी भी "कमल" कहती है, मेरी बाहों में सिमट के तू समाई होती।
खुद का सहारा तुम्हें खुद ही बनना पड़ेगा। खुद का सहारा तुम्हें खुद ही बनना पड़ेगा।
कोई बिछाए रहता है राहों में पलकें कोई अपनी नज़र को समेटे जाते हैं। कोई बिछाए रहता है राहों में पलकें कोई अपनी नज़र को समेटे जाते हैं।
जन्म दिन पर उनके हृदय से निकली भावों की अभिव्यक्तियों ने अंगड़ाई।। जन्म दिन पर उनके हृदय से निकली भावों की अभिव्यक्तियों ने अंगड़ाई।।
दो ऋतुओं के आलिंगन सादृश्य पावन हो एक ऐसी ही दुनिया में मिलते हैं..! दो ऋतुओं के आलिंगन सादृश्य पावन हो एक ऐसी ही दुनिया में मिलते हैं..!
अब उस बरसात का है इंतजार, शायद मिल जाए वह अजनबी एक बार। अब उस बरसात का है इंतजार, शायद मिल जाए वह अजनबी एक बार।
आती हुई बसंत में सरसों के खेत की लहर अपने आगमन का आभास कराती आती हुई बसंत में सरसों के खेत की लहर अपने आगमन का आभास कराती
ना करो इतना प्यार कि सह ना सकूँ रहना पड़े तेरे बगैर तो रह ना सकूँ। ना करो इतना प्यार कि सह ना सकूँ रहना पड़े तेरे बगैर तो रह ना सकूँ।
परवाह न करना जालीम जमाने का लाकर मुझको घर में रखना। परवाह न करना जालीम जमाने का लाकर मुझको घर में रखना।
उसे पाने की चाह में अगला जन्म लेने की सोचता होगा। उसे पाने की चाह में अगला जन्म लेने की सोचता होगा।
जीवन में तुम्हारे साथ जिंदगी यूं ही कुछ गुलजार होती रहे। जीवन में तुम्हारे साथ जिंदगी यूं ही कुछ गुलजार होती रहे।
ना शिकवा शिकायत कुछ फिर करेंगे। कहो तो सृजिता हम उनके हो जायें।। ना शिकवा शिकायत कुछ फिर करेंगे। कहो तो सृजिता हम उनके हो जायें।।
इस जीवन के बाद सही पर हम होंगे तब आबाद। इस जीवन के बाद सही पर हम होंगे तब आबाद।
रात भर जलती रही आशा की बाती। तुमतो आये ही नहीं बुझे मन के दिए। रात भर जलती रही आशा की बाती। तुमतो आये ही नहीं बुझे मन के दिए।
अपने प्रियतम की बाहों में पर आसमां अब भारी हो चला है ना जाने क्यों...... अपने प्रियतम की बाहों में पर आसमां अब भारी हो चला है ना जाने क्यों......
आज तुम्हारे जन्म दिवस पर शत पुष्पोहार लेकर मैं शुभाभिवंदन करके तुमको गले लगाकर बिसरूँग आज तुम्हारे जन्म दिवस पर शत पुष्पोहार लेकर मैं शुभाभिवंदन करके तुमको गले लगाक...
ऐसी महोब्बत दिल से लगी के उसकी महोब्बत मेँ ही मर जाना था...।। ऐसी महोब्बत दिल से लगी के उसकी महोब्बत मेँ ही मर जाना था...।।