"मेरा देश"
"मेरा देश"
देश !ये मेरा भारत देश !
महान भारत देश!
नहीं रह गया अब महान भारत देश
बन गया है अखाड़ा ,
राजनीति का राजनीतिज्ञों का।।
राजनीति भी तो नहीं रही राजनीति
नीति शब्द कब का मर चुका,
रह गया सिर्फ राज है,
नियमों व सिद्धांतों की तिलांजलि
दी जा चुकी है।
राजनीति के ऊपर धर्म का अंकुश ,
सहन नहीं करते
विकृत धर्मनिरपेक्षतावादी,
धर्म को मानते हैं अफीम।
धर्म जो ज्ञान कराता है-
उचित ,अनुचित का
नैतिक बनाता है, नैतिकता सिखाता है।
वह तो बस अलापते हैं राग कानून का
कानून जो सिखाता है उचित का अनुचित
और अनुचित को उचित करना ,
धर्मनिरपेक्ष होने का ढोंग करते हैं ,
और संसद में पेश करते हैं धर्मस्थल विधेयक ।
हमारे लिए धर्म से देश ऊंचा है
और उनके लिए धर्म देश से
धर्म ही लाया था गांधी को राजनीति में
धर्म ने ही की थी पहली क्रांति
मंगल पांडे के रूप में।
धर्म ने ही जगाई थी जोत,
हिंदू बने रहने की
कबीर, तुलसी,सूर,मीरा,बनकर
मुगलों के काल में ।
धर्म ने ही तो थाम रखी थी ध्वजा
आदि से लेकर आज तक
सनातन, संस्कार में।।
लेकिन !अब यह देश,
मेरा भारत देश
नहीं रह गया देश
बन गया अखाड़ा
राजनीति का राजनीतिज्ञों का।।