विकल आत्मा कैसे पीतीं ? विष सांप सा रसते हो।। विकल आत्मा कैसे पीतीं ? विष सांप सा रसते हो।।
जनता के समर्थन में हुंकार भरती एक सामाजिक-राजनीतिक कविता... जनता के समर्थन में हुंकार भरती एक सामाजिक-राजनीतिक कविता...
न्यायपालिका, कार्य पालिका लेती नेताओं के समक्ष शरण न्यायपालिका, कार्य पालिका लेती नेताओं के समक्ष शरण