उम्र के आख़री पड़ाव में कौन लेता है खबर बुढ़े बरगद की। उम्र के आख़री पड़ाव में कौन लेता है खबर बुढ़े बरगद की।
पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म इनका मुझे ज्ञान नहीं लोभ- चिंता, दुःख, कर्म फल इनसे मैं अछूत पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म इनका मुझे ज्ञान नहीं लोभ- चिंता, दुःख, कर्म फल ...
तज अपनी चक्रवर्ती सम्राट वाली ओढ़ी क्रूरता। तज अपनी चक्रवर्ती सम्राट वाली ओढ़ी क्रूरता।
विषयों के रंगों में भ्रमित मूल उज्ज्वलता से परे , माया मोह के पाश में बँध स्वानन्द स्वरूप क... विषयों के रंगों में भ्रमित मूल उज्ज्वलता से परे , माया मोह के पाश में बँध ...
शरण में तुम्हारी आया हूँ। शरण में तुम्हारी आया हूँ।
चित्त की चंचलता मिट जाए, कुछ तो ऐसा कर दो। चित्त की चंचलता मिट जाए, कुछ तो ऐसा कर दो।