Om Prakash Fulara
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हे
राम
शरण
तोरी आया
रखियो लाज
सुन लो विनती
पार लगाओ मेरी।
नैया अब तुम
मैं अकिंचन
लेके आस
शरण में
तुम्हारी
आया
हूँ।
आँधी
गजल
पतझड़
वात्सल्य
संघर्ष
हिंदी
नारी
चम्पकमाला छन्...
डरो ना
आत्मचिंतन