Om Prakash Fulara
Inspirational
बरसा नयनन से नीर नहीं।
अबला बनकर क्यों पीर सही।।
तलवार पकड़ ले हाथ अभी।
हर कष्ट जगत के आज सभी।।
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चम्पकमाला छन्...
डरो ना
आत्मचिंतन
देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा दान। देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा द...
सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया। सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया।
मदर टेरेसा, आप हो अमर, सीखें सब प्यार। मदर टेरेसा, आप हो अमर, सीखें सब प्यार।
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी
मातृशक्ति नारीशक्ति का नमन वंदन कीजिए औपचारिकताओं भरा न अभिनंदन कीजिए। मातृशक्ति नारीशक्ति का नमन वंदन कीजिए औपचारिकताओं भरा न अभिनंदन कीजिए।
रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट करो रिस्टार्ट जब हो जाओ अपने जीवन से हताश। रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट करो रिस्टार्ट जब हो जाओ अपने जीवन से हताश।
इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है! इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है!
पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम. पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम.
उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ही तो मेरी जागीर है।.... उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ह...
क्यों न उडूं मैं क्यों न ख्वाब देखूं मैं भला, जीने का मुझे भी अधिकार है। क्यों न उडूं मैं क्यों न ख्वाब देखूं मैं भला, जीने का मुझे भी अधिकार है।
अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा। अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा।
बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को जगाते हैं. बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को...
वृ्द्धावस्था ऐसे आई जैसे कोई चोर अंतर्मन ने दी है दस्तक जाना है उस ओर। वृ्द्धावस्था ऐसे आई जैसे कोई चोर अंतर्मन ने दी है दस्तक जाना है उस ओर।
अपने आसपास स्वच्छता लाएं, प्रदूषण रहित उमंग भरा उल्लास मनायें. अपने आसपास स्वच्छता लाएं, प्रदूषण रहित उमंग भरा उल्लास मनायें.
तुम भी जागो... जागो, अपनी संस्कृति को अपनाओ तुम। तुम भी जागो... जागो, अपनी संस्कृति को अपनाओ तुम।
ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता। ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता।
मन निर्मल, पावन विचार हो और मधुर व्यवहार करो। मन निर्मल, पावन विचार हो और मधुर व्यवहार करो।
कमल हमेशा खिलता है कीचड़ और पानी में। कमल हमेशा खिलता है कीचड़ और पानी में।
क्यूं मैं माधवी की तरह न्याय, धर्म और संस्कृति के मकड़जाल में फंस कर रह जाती हूं, क्यूं मैं माधवी की तरह न्याय, धर्म और संस्कृति के मकड़जाल में फंस कर रह जाती हूं...
जल से जुड़ी, अनगिनत किस्से । पहला पन्ना, जल का उदय, सूर्य की मुस्कान, समुद्र का प्रिय। जल से जुड़ी, अनगिनत किस्से । पहला पन्ना, जल का उदय, सूर्य की मुस्कान, समुद...