मन का मैल।
मन का मैल।
मन का मैल मिटाकर मैया, काया कंचन कर दो।
कुछ भी सुधि रहे न तन की, मन भाव भजन से भर दो।।
चित्त की चंचलता मिट जाए, कुछ तो ऐसा कर दो।
तेरी ही छवि दृग में भर जाए ,ऐसा करतब कर दो।।
नैनों की अश्रु माला से, नित चरणों को धोया करूँ।
पल -पल तेरी याद सताए, मुझ पर ऐसी कृपा कर दो।।
माया के जंजाल से, दुख- द्वंद के कांटों से।
ऐसा वरदान दे दो मुझ को, दूर करो इन संकटों से।।
दिन रात "मैया" इस वाणी से, गुणगान तुम्हारे ही गाया करूँ।
जन्मों का भूला भटका यह "नीरज, शरण तुम्हारी ही गहा करूँ।।