हौसला बुलंद है।
हौसला बुलंद है।
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हम जिंदा हैं यहाँ
मरा तो केवल जिस्म है।
चाहे जला दो।
चाहे दफना दो।
ये तो केवल रस्म है।
मिटा न सकोगे तुम
हौसले और हिम्मत को।
जिंदा है अब भी हम में
ऐसी रुहानी ताकत को।
दूरियाँ मानी है हमने
दूर नहीं इन्सानियत से।
शहीद हुए वो शेर थे
जो जान सके जीवन को।
इतिहास गवाह सुनो
तुम पे हंसती दुनिया सारी।
ये एक से क्या हारेगी
करो तुम फौज़ की तय्यारी।