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Kamini sajal Soni

Inspirational

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Kamini sajal Soni

Inspirational

शीर्षक -बंधन

शीर्षक -बंधन

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ममता की मूरत है नारी

बिखेरती है रंग प्यार के

देती है सीख धरती सी सहनशक्ति की

समेट लेती आंचल में हर बाधा

रक्षा की ढाल बनकर बिखरने नहीं देती

प्यार से थाम कर परिवार को

बांधती है संस्कारों के बंधन में।

लेकर बनवास अपनी खुशियों से

बांध लेती है जिम्मेदारियों की डोर से

चलती है हर सुबह सूरज के संग

ढलती है अटूट विश्वास सी

चंदा की चांदनी के संग

सचमुच प्रकृति की प्रतिकृति है नारी

खोल देती है कभी बंधन खुद के

बांध लेती है कभी बंधन में खुद को ।


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