रूहानी रिश्ता
रूहानी रिश्ता


देखा था जब आपको
चुपके से दिल खो गया ।
मीत था जो मेरा बरसों से
एक पल में आपका हो गया ।।
दुनिया से बेगाना हो गया
चुपके से दिल खो गया।
आते हो सपनों में रोज
सताते हो सपनों में रोज।
रूह से रूह का मिलन हो गया
चुपके से दिल खो गया ।।
आकर कभी मिलो तो जाने
मेरे दिल का हाल सुनो तो जाने ।
अनजाने में आपसे मिलकर
कितना सुहाना रूहानी रिश्ता हो गया ।।
चुपके से दिल खो गया .........