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Kamini sajal Soni

Romance

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Kamini sajal Soni

Romance

मैं और तुम

मैं और तुम

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सपनों की नगरी में

माथे पर शिकन कैसी है

मैं और तुम जब राहे वफा के साथी हैं

फिर जीवन में यह थकन कैसी है।


शिकवा ना करना कभी

 हाथों की लकीरों से

"मै और तुम" मिलजुलकर

 खुशियों का एक नया

आशियाना बनाएंगे।


सफर किया शुरू जिंदगी का

टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों पर

अगर कभी गुम होने लगी राहें

मैं और तुम मिलजुल कर

एक नया रास्ता बनाएंगे।




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