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Kamini sajal Soni

Inspirational Others

4.5  

Kamini sajal Soni

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नारी का अस्तित्व

नारी का अस्तित्व

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नव सृजन संसार का हो,

हक ये नारी को मिला।

अस्तित्व में अंकुर जो आया,

हर्षित हो तन मन खिला।।


कौन हो तुम कैसे लगते हो

अनदेखे अनजाने से ।

हर पल मिलने की चाहत में

मन ख़ुशियों से भर गया।।


आ गया अस्तित्व का,

प्रतिरूप मेरे अंक में।

प्यारी नन्ही परी से मेरा,

आज घर आंगन खिला।।


है यही आरजू ,

नन्हे कदम .....बढ़ते चले।

ना हो कोई मुश्किलें,

आए न कोई अड़चनें ।‌।


बढ़ो प्रगति की ओर सदा,

जहां में तुम्हें पहचान मिले।

तुम को अपनी ख्वाहिशों का,

पूरा आसमान मिले।।



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