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Sunita Shukla

Inspirational

4.5  

Sunita Shukla

Inspirational

अमर जवान

अमर जवान

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आज़ादी के शिलालेख पर, लिख गए अपना नाम

भारत माता के अमर सपूत, वो लाखों वीर जवान।

आज़ादी की बलिवेदी पर चढ़ गए सीना तान 

पूरा कर गए ॠण मिट्टी का, चेहरे पर मुस्कान ।।


उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति पर

विश्र्व के हर देश ने माथ झुकाया है ।

दुनिया की सारी सेनाओं को भी  

देशभक्ति और देशप्रेम सिखलाया है।।


सेना की इस वर्दी में बसते इनके प्राण हैं, 

वर्दी पर ये खून के धब्बे इसका बड़ा प्रमाण हैं ।

अपना सब कुछ लुटाकर देश का मान बढ़ाया है,

तभी तो देश का हर एक सिपाही देशवीर कहलाया है ।।


कारगिल, लद्दाख और सुंदर घाटी गलवान की, 

लहू बहा है इस मिट्टी में भारत के अमर जवान की ।

गोली उनके सीने में थी पर मुख पर एक अभिमान था ।

मातृभूमि पर मर मिटने का गौरवशाली सम्मान था ।।


आज लड़ें हम धर्म प्रान्त, जाति और बोली पर,

और सरहद पर हर जवान खेलें खून की होली हैं ।

शायद हम सब भूल गए उन वीर जवानों को

जिसने देश की खातिर खाई कितनी गोली है ।।

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अब बहुतेरे दुश्मन ने हमको आँख दिखाई है

किसी ने देश का नक्शा बदला कोई छुपा रहा सच्चाई है ।

उनके इस कुटिल प्रपंच पर सारी दुनिया शरमाई है

सच तो ये है कि अब उस दुश्मन की शामत आई है।।


होंगी तोपें और बन्दूक बहुत

पर ये जज़्बा कहाँ से लाओगे ।

जन्मभूमि पर मर मिटने वाले

वीर जवान कहाँ तुम पाओगे ।।


माना दुश्मन बहुत बड़ा है

पर यह भी अडिग खड़ा है ।

आज़ाद देश की संप्रभुता पर

इसने अपना शीश जड़ा है ।।


नमन है उन अमर वीर जवानों को

धरती माता के पुत्र धन्य बलवानों को।

जो देते दंड मलिन कुटिल गद्दारों को

और दिखा रहे हैं लक्ष्य नये नौजवानों को ।।


कुछ को हमने जाना माना और 

कुछ तो उनमें रह गए अनाम।

हे ! भारत माता के अमर जवान 

कर रहें तुम्हें शत-शत प्रणाम ।।

      

            



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