स्वस्थ और सुरक्षित जीवन
स्वस्थ और सुरक्षित जीवन
ये धूम्रपान की आदत
आसानी से कहाँ छोड़ी जाती है
पहले इन्सान उसे जलाता है
फिर ये इन्सान को जलाती है।
आदत ये नहीं है अच्छी
बस एक शौक में....
हाथ से निकल जाती है जिन्दगी
धुँए को न बनने दें अपना साथी
अपने हाथों से न जाने दे खुशी।
पीछे रह जायेगा सिसकता परिवार
रोती बिलखती संतान
और वृद्ध माँ बाप
जिन्हें बुढ़ापे में थी आपकी आस।
ईश्वर ने दिया मनुष्य का तन
जो है अनमोल
समझ कर इसका महत्व
करें इसकी कद्र।
सुख से जियें जीवन
स्वास्थ्य और स्वभाव हो भद्र।
स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें
अपने हाथों अपना जीवन नष्ट न करें।