Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sunita Shukla

Abstract Action Inspirational

4  

Sunita Shukla

Abstract Action Inspirational

धरती के वीर

धरती के वीर

1 min
402


         

इतिहास की बात करूं तो कलम वहीं रो पड़ती है 

नतमस्तक हो करके वीरों की अब पूजा करती है।

सोने की चिड़िया था भारत किसने किसने लूटा था 

आजादी के बाद भी भारत मां का आंचल छूटा था।

जलियांवाला बाग कहानी हमसे कही नहीं जाती

चौरी - चौरा कांड हुआ था बातें सही नहीं जाती।

अपनी रोटी सेक रहे कुछ दल गद्दी हथियाने को

भारत का दो फांक किया था आतुर थे बटवाने को।

घर में ज्वाला धधक रही थी सत्य मौन हो जाता था

भारत माता बिलख रही थी कोई ना सुन पाता था।

कितनी चूड़ी बिंदी छूटी सहम के आंचल रोया था

मां का दामन गीला था पर बालक उनका सोया था।

फांसी को चूमा था हंस के आज भी दिल में जिंदा है

कितनी करुणा उसके अन्दर धरती भी शर्मिंदा है।

मौत का नंगा नाच हुआ था लाशों का अंबार लगा

हाहाकार मचा धरती पर मोह का ऐसा वार लगा।

काले विषधर नागों को ना दूध पिलाना अच्छा था

घर में मेहमां कुछ पल के ना उन्हें जमाना अच्छा था।

आज भी धरती पर वीरों के लहू की खुशबू आती है 

आजादी को पाकर भारत मां भी शीश नवाती है।

अब सुभाष की अमर कहानी दुनिया को बतलाना है

हार ना मानी भगत सिंह ने दुनिया को सिखलाना है।

सबके दिल में आजादी का दीप जलाने आई हूं

उठ जाओ भारत के लोगों मैं तुम्हें जगाने आई हूं।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract