भारत की पुण्यभूमि पे...!
भारत की पुण्यभूमि पे...!


इस भारत की पुण्यभूमि पे ,
उसने जीवन सफल बनाया है,
जिसने यहां की माटी के आगे,
अपना शीश नवाया है..!
जिस धरा पे चरण श्री राम के पड़े,
जिस माटी का तिलक वीर अपने माथे करे,
जिस धरा पे मां गंगा ने अवतार लिया,
जिस माटी का भी देवों ने वंदन किया....!!
इस भारत की पुण्यभूमि पे ,
उसने जीवन सफल बनाया है,
जिसने यहां की माटी के आगे,
अपना शीश नवाया है..!
जिस धरा पे अगस्त्य , विश्वामित्र जैसे ऋषियों ने जन्म लिया,
जिस धरा पे ध्रुव और प्रहलाद ने इतिहास रच दिया,
इस माटी की पूजा ही सबमें सर्वश्रेष्ठ है,
जिस माटी ने अमर , धर्म का हर विश्वास कर दिया.!
इस भारत की पुण्यभूमि पे ,
उसने जीवन सफल बनाया है,
जिसने यहां की माटी के आगे,
अपना शीश नवाया है..!
जिस माटी पे कृष्ण ने कभी गीता का उपदेश दिया,
मुक्त माया सेे होने के लिए ,भक्ति का सन्देश दिया,
जिसके कण-कण में इतिहास की प्राचीन कहानी है,
इस माटी में इश्क और इबादत की बातें पुरानी हैं..!
इस भारत की पुण्यभूमि पे ,
उसने जीवन सफल बनाया है,
जिसने यहां की माटी के आगे,
अपना शीश नवाया है..!
ये वही माटी है जिसपे कभी फिरंगियों ने आक्रमण किया,
पर इस देश के वीरों ने पराजित उसका हर पराक्रम किया,
इस माटी ने रौंदे हैं अनगिनत शीश अहंकार के,
दिया है करारा जवाब हर सिकंदर के गर्वित हुंकार के....!
इस भारत की पुण्यभूमि पे ,
उसने जीवन सफल बनाया है,
जिसने यहां की माटी के आगे,
अपना शीश नवाया है..!
जिसने इस देश की माटी को हृदय से अपनाया है....,
जिसने इस माटी के लिए अपना सर्वस्व लुटाया है,
इस भारत की पुण्यभूमि पे ,
उसने जीवन सफल बनाया है,
जिसने यहां की माटी के आगे,
अपना शीश नवाया है..!