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vijay laxmi Bhatt Sharma

Inspirational

4.1  

vijay laxmi Bhatt Sharma

Inspirational

फिर छेड़ा है

फिर छेड़ा है

2 mins
250


फिर छेड़ा है स्वर मुखर

फिर सिंह नाद गरजा है

फिर हुई है मुखर भारती

फिर विश्व में भारत का डंका बजा है


विश्व गुरु की राह में बड़ते कदम

फिर लहराया तिरंगे का परचम

फिर गुंजायमान हुआ है स्वदेशी स्वर 

फिर आत्मनिर्भरता की टंकार बजी है


फिर याद दिलाया विश्व को

हम आर्यभट्टा के वंशज हैं

हम शून्य नहीं हैं संसार में

हम शून्य के अविष्कार करता है


हम मोहताज नहीं किसी चिकित्सा के

हम आयुर्वेद के पूर्वज हैं

अश्वनी कुमार के शिष्य हम

हर जड़ी बूटी के ज्ञाता हैं


फिर जय जय कार का नारा लगा

फिर हुई दीपावली की तैयारी

छोड़ नवीन युग की झोपड़ी

फिर मेरे राम घर पधारे हैं


फिर स्वतंत्र हुई माँ भारती आज

फिर दुश्मन को ललकारा है

फिर छेड़ा है स्वदेशी का नारा

फिर दिलाया विश्वास भारतवर्ष हमारा है

फिर रंगी माँ भारती तीन रंग

फिर तिरंगे का मान बढ़ाया है।

जय हिंद, जय भारत


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