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priyanka sharma

Inspirational

4.5  

priyanka sharma

Inspirational

ऐसे वीरों पे तुम झुकना

ऐसे वीरों पे तुम झुकना

2 mins
57


भले मंदिर में ना झुकना, भले मस्जिद में ना झुकना

जीवन स्वांसों के नायक भले ईश्वर पे ना झुकना

रक्त, श्वास, अस्थि देह जो दान कर बैठे है तुम पर

है सौ सौ बार नमन उनको ऐसे वीरों पे तुम झुकना


जीवन की हर वो पुस्तक जो पाठ पढ़ाती थी वीरों के

खुद उसका अध्याय हुआ है वीर विधा को भाषा दी है

जिन कांधो पे बैठ बैठ के बचपन हंसता खिलता था,

आज उन्हीं से कांधा लेकर यौवन को परिभाषा दी है

यौवन के नक्षत्र गगन पे गढ़ने वालों पे तुम झुकना 

है सौ सौ बार नमन उनको ऐसे वीरों पे तुम झुकना


श्रृंगार यौवन के सपन धरे के धरे ही रह गए

सिंदूर मस्तक थे सजे बस सजे ही रह गए

क्या हुआ जो 'भात' की हर पटरी खाली रह गयी

क्या हुआ जो 'राखियां ' सब सिसकियों में बह गयी

एक वचन निर्वहन की खातिर हर वचन तोड़ने वालों पे तुम झुकना 

है सौ सौ बार नमन उनको ऐसे वीरो पे तुम झुकना


दीप दीवाली के होली के रंग क्या उसको याद नहीं

बैशाखी के ढोल भांगड़ा और पतंग क्या याद नहीं

आम,नीम, जामुन, पीपल और पनघट क्या याद नहीं

गली, मुहल्ले, नुक्कड़, चौपाले और चोखट क्या याद नहीं

इन सबसे ऊपर देश धर्म रखने वालों पे तुम झुकना

है सौ सौ बार नमन उनको ऐसे वीरों पे तुम झुकना


अपना सब कुछ खोकर भी 'माँ' की तस्वीर बुलंद मिली

'राम नाम सत्य' की जगह जहां हर रुदन में 'जय-जय हिंद' मिली

हाँ, अरे हाँ पलकों की कोरें गीली थीं पर हर दिल ने गर्व गुमान किया

दहाड़ मारकर सिंहनी ने जब 'वंदे मातरम' गान किया

ऐसी हर 'उत्तरा' के श्री चरणों मे तुम झुकना 

है सौ सौ बार नमन उनको ऐसे वीरों पे तुम झुकना!



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