कितना कठिन है नारी बनना
कितना कठिन है नारी बनना
हाँ, मानती हूँ मै
आसान है चार दीवारी में रहकर
चौका - बर्तन करना
पर जानते हो तुम भी कितना कठिन है
योग्य होते हुए भी
केवल चार दीवारी के ही होकर रह जाना
हाँ, मानती हूँ मैं
चुटकियों का काम है तुम्हारे लिए
मैले कपड़े धो देना
पर जानते हो तुम भी कितना कठिन है
फुर्सत में बैठकर रूह पे लगे
दिन भर के तानों को अविरल
अश्रुओं से धोना
ताकि अगले सूरज के ताजे पन में
रह ना जाये कोई कमी
हाँ मानती हूँ मैं
आसान है नारी होना
पर जानते हो तुम भी कितना
कठिन है नारी बनना
शायद इसीलिए कोई भी पुरुष
नहीं कर पाया है साहस नारी बनने का
सिवाए महादेव के