चलो चले हम कदम बढ़ाते
चलो चले हम कदम बढ़ाते


निज संघर्षों में, व्यवधानों में
मौन पुकारों औ आह्वानो में
घोर तिमिर में , घनी धूप में
पीड़ाओ को पथ बतलाते
चलो, चले हम कदम बढ़ाते।।
राष्ट्र ध्वजा को हाथ लिये हम,
बलिदानी अश्रु साथ लिये हम,
अभिमन्यु सा अभिमान लिये हम,
स्वर्णिम इतिहासो मे गढ़ जाते।
चलो, चले हम कदम बढ़ाते।।
कोकिल सा स्वर गान लिये हम,
पुष्पों सी मुस्कान लिये हम,
गुरूजन परिजन का मान लिये हम,
नभ तक अपनी पहुँच बढ़ाते।
चलो, चले हम कदम बढ़ाते।।
भोर दिवस सी आस लिये हम,
माँ भारत का विश्वास लिये हम,
शशि रवि को साथ लिये हम,
संध्या सी स्वर्णिम रेख खिचाते ।
चलो, चले हम कदम बढ़ाते।।