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प्रियंका शर्मा

Inspirational

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प्रियंका शर्मा

Inspirational

प्रकाश पर्व

प्रकाश पर्व

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निशा हर अमावस की हो प्रकाश पूरित,

चलो हम अब ऐसी दीवाली मनाये।


नई ज्योति से पंखों में रंग भर के,

किरण ऊषा की नित नूतन सी दमके

धरा का सृजन, छू ले ऐसे गगन,

जो गली में निशा की तिमिर राह भूले,

बुझते दीये सब मिलकर जलाये,

चलो हम अब ऐसी दीवाली मनाये।।


अगर है उदासी किसी द्वार पर,

कर रंगों से पूर्ण उसे रंगोली बना दे,

नहीं दीप्ति से दीप की मिटेगा अंधेरा,

हम अपने चरित्र को ही दीपक बना ले,

सुप्त हर हृदय को प्रकाश से जगाये,

चलो हम अब ऐसी दीवाली मनाये।।



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