भाप का घुमड़ घुमड़ कर बरस जाना, वाह रे विज्ञान तेरी महिमा का करते हम बखान। भाप का घुमड़ घुमड़ कर बरस जाना, वाह रे विज्ञान तेरी महिमा का करते हम बखान।
होकर खड़े अकेले "आजाद हिंद " सेना को साकार किया होकर खड़े अकेले "आजाद हिंद " सेना को साकार किया
नभ तक अपनी पहुँच बढ़ाते। चलो, चले हम कदम बढ़ाते।। नभ तक अपनी पहुँच बढ़ाते। चलो, चले हम कदम बढ़ाते।।
कहीं बदल न दी जाऊं मैं, सिलवट भरी चादर की भांति....! कहीं बदल न दी जाऊं मैं, सिलवट भरी चादर की भांति....!
धर्म,जाति ,धन का भेद भुलाकर समग्र एकता का हम आह्वान करें। धर्म,जाति ,धन का भेद भुलाकर समग्र एकता का हम आह्वान करें।