STORYMIRROR

मिली साहा

Inspirational

4  

मिली साहा

Inspirational

आजादी की कहानी

आजादी की कहानी

2 mins
160

भारत देश हमारा सोने की चिड़िया कहलाता था   

अंग्रेज व्यापारी बनकर इस सोने की चिड़िया के पंख कुतरने आया था


लंबे समय तक देश हमारा अंग्रेजों का गुलाम बना रहा

अनेकों वर्षों तक उनके अत्याचार और गुलामी को सहता रहा


कितनी सहते गुलामी अंग्रेजों की फिर एक क्रांति की मशाल जली थी  

आजादी की यह कहानी सन 1857 से शुरू हुई थी


आजादी पाने को कितने वीरों ने अपनी जान गवाई थी

न जाने कितने वीर सपूतों के रक्त से धरती लाल हो गई थी


अंग्रेजों ने हमें अपने ही देश में गुलाम बनाया था

जातिवाद और धर्म के नाम पर हमें आपस में लड़वाया था


पर मजबूत था इरादा भारत के वीर सपूतों का

लिया था संकल्प भारत को आजाद कराने का


क्रांति की एक मशाल जली और जंग छेड़ दी वीरों ने

अंग्रेजों को बाहर निकालने की ठान ली थी सुरवीरों ने


कितने वीर सपूत हंसते-हंसते चढ़ गए फांसी के फंदे पर

कितने जेल गए और कितनों ने गोली खाई सीने पर


कितनी मांओं के खाली हो गए कोख और कितनो की मांग हो गई खाली

कितने मासूम यतीम हो गए और न जाने उनमें कितनी बहनों की थी राखी


क्रांति की जो ज्वाला उठी देश में वह एक नया रंग लाई थी

लाखों वीर सपूतों के बलिदान के बाद हमने यह आजादी पाई थी


15 अगस्त सन 1947 को हमारे देश ने आजादी पाई थी

उस दिन सृष्टि के कण-कण ने स्वतंत्रता की सांस भर आई ‌थी


क्या होती है आजादी उस दिन हमने महसूस किया था

देकर अपना बलिदान वीरों ने देश को महफूज किया था


याद रखेंगे हम सदा उन वीरों के बलिदान को

कम ना होने देंगे कभी भारत मां की शान को।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational