सुविचार
सुविचार
जो बीत गया वो लौट कर नहीं आएगा
और कल क्या होगा ये भी तो कोई नहीं जानता
फिर व्यर्थ में चिंता कर
अपने वर्तमान के पलों को क्यों गंवाना।
जीवन में अगर खुश रहना है
तो कभी किसी से ज़्यादा उम्मीद मत रखो
क्योंकि जब उम्मीद टूटती है
तो रिश्ते ही नहीं बिखरते
स्वयं इंसान भी पूरी तरह टूट जाता है।
हमारे संस्कार और अर्जित की गई
विद्या ही हमारी पूंँजी है
जो जीवन भर हमारा साथ निभाती है
जब तक हम किसी काम को
करने की कोशिश नहीं करेंगे
तब तक वो काम हमें असंभव ही लगेगा।
हमारे कर्म हमारी पहचान हैं
वरना एक नाम के तो हजारों इंसान हैं।
किसी को गिराकर आगे बढ़ोगे,
तो जीत कर भी तुम हार जाओगे ।
अपने मन को इतना न उलझाओ
कि सुलझाते-समझाते जीवन बीत जाए।
जहांँ बार बार देना पड़ता है प्रमाण
उन रिश्तो में नहीं होती है कोई जान।
इंसान का गुस्सा माचिस की तीली जैसा होता है
जो दूसरों को जलाने से पहले खुद को ही जलाता है।
दुनिया की फ़िक्र में जो खुद के कदम रोक लेते हैं
वो अपनी कामयाबी के रास्ते खुद बंद कर देते हैं।
जो जितने का हौसला रखते हैं वो कभी हार नहीं मानते
और जो हार मान जाते हैं वो कभी जीत ही नहीं सकते।
जब तक हम किसी काम को करने की
कोशिश ही नहीं करेंगे
तब तक वो काम हमें असंभव ही लगेगा।
जैसे लोहे को जंग नष्ट कर देता है वैसे ही इंसान को
और कोई नहीं उसका अभिमान ही नष्ट कर देता है।
कभी भी किसी पर आंँख मूंद कर विश्वास मत करो
क्योंकि कभी-कभी हमारे दांँत ही हमारी जीव काट देते हैं।