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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Inspirational

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Inspirational

सुख और दुख

सुख और दुख

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विकास और विनाश

दोनों ही अनवरत 

प्रक्रिया है

अगर विनाश ना होगा तो

विकास की नींव

कैसे पड़ेगी

विनाश के गर्भ से ही

विकास का जन्म होता है

सुख और दुख भी

अनवरत आना जाना

लगा रहता है

जिस प्रकार

रात और दिन

दोनों ही

एक के बाद एक

आते और जाते हैं

उसी प्रकार

खोना और पाना भी

खोने के बाद

पाने की खुशी

असीम होती है

जीवन की

यही सच्चाई है

न खोने से घबराना है

ना ही पाने से इतराना है



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