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Sunil Gupta teacher

Inspirational

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Sunil Gupta teacher

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राष्ट्रप्रेम गीत (22)

राष्ट्रप्रेम गीत (22)

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दुश्मनी पड़े महंगी , 

जरा सोच के करना।

दोस्ती दिल में रहनी , 

न सोच के करना।।


दुश्मनों के सिर कटाये हैं,

तोबा न ही करना। 

दोस्ती में हम कटे हैं , 

परवाह ही न करना।।


दुश्मनों के बने काल हैं ,

रहम ना ही करना।

दोस्ती में हम समाये हैं , 

चिंता ना ही करना।।


दुश्मन जो शरण आये हैं,

जाके भेंट करना।

अपनाया सदा उनको , 

अनजाम जो हो बरना।।



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