बात सुनलो नफ़रतों को करदो दूर से शुक्रिया। बात सुनलो नफ़रतों को करदो दूर से शुक्रिया।
कुछ वहम में तो कुछ अहम में रहते हैं, पर अंत में मिट्टी में ही मिल जाते हैं। कुछ वहम में तो कुछ अहम में रहते हैं, पर अंत में मिट्टी में ही मिल जाते हैं।
मिलकर रहने से बढ़ती है खुशी खत्म होती है, तनहाई मिलकर रहने से बढ़ती है खुशी खत्म होती है, तनहाई
खत्म हुआ दुश्मनी का रिश्ता ही, अब तो तेरे साथ सख़ावत ही सही। खत्म हुआ दुश्मनी का रिश्ता ही, अब तो तेरे साथ सख़ावत ही सही।
न जाने कैसी दुश्मनी थी एक दूसरे से, न जाने कैसी दुश्मनी थी एक दूसरे से,
खुदा के दरबार में कोई बात तो खारी रक्खा करो। खुदा के दरबार में कोई बात तो खारी रक्खा करो।